- rashmipatrika
बाबुराम हंसदा की कविता
बाबुराम हांसदा
संताल परगना कॉलेज, दुमका
भ्रष्टाचार पर अंकुश
उठो उठो नवजवानों
याद करो उनकी कुरबानी
जिसने अपनी लहु से लिखकर दी
है हमें आज़ादी
अब ना देख सकेंगे इस देश
का बरबादी"
हे अंग्रेज रूपी भ्रष्ट प्रशासन
अब ना करो जनता पर शोषण
ये तेरा देश नहीं ये शहीदों का देश है" हम उनकी अमानत है अगर तेरा देश होता
ऐसा तेरा भेष ना होता।
उठो उठो नौजवानों याद करो उनकी कुरबानी जिसने अपनी
लहू से लिखकर दी है हमें आज़ादी
अब ना देख सकेंगे इस देश की
बरबादी
अब ना होगा बर्दास्त
करना होगा विकास